लावालौंग/चतरा
विधानसभा क्षेत्र के लावालौंग प्रखंड में सरकार के द्वारा किए जाने वाले विकास के बड़े-बड़े दावों की कलई खुल गई है। कई गांवों के मतदाताओं ने विकास को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया है। जिससे जनप्रतिनिधियों में खलबली मच गई है और गांव में मतदाताओं को मनाने का दौर शुरू हो गया है। दरअसल बात यह है कि प्रखंड क्षेत्र स्थित रिमी पंचायत के दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर आदर्श आचार संहिता लगने के साथ ही चुनाव के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों का कहना है की देश को आजाद हुए 75 साल से भी अधिक समय हो गया है। लेकिन अभी तक हमारे गांव में किसी भी तरह की मूलभूत सुविधा नहीं मिली है। हमारे गांव में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता वोट मांगने तो आते हैं लेकिन मतदान के बाद वे हमें भूल जाते हैं। हमने अब तक लगभग सभी पार्टियों को मौका दिया है। लेकिन हमारा विकास करना तो दूर किसी ने हमसे बात करना भी जरूरी नहीं समझा है।
जिससे निराश होकर हम सभी ग्रामीण मतदान के बहिष्कार का निर्णय ले रहे हैं। हम लोगों ने संकल्प लिया है कि जो जनप्रतिनिधि चुनाव से पूर्व हमारे गांव में सड़क बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का कार्य करेगा, हम उसी के पक्ष में मतदान करेंगे। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के समय भी प्रखंड क्षेत्र के मड़वा गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था। जिससे जिले भर के सभी अधिकारी परेशान हो गए थे। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के विकास संबंधी आश्वासनों के बाद ग्रामीणों ने वहां मतदान किया था। ग्रामीण आफताब आलम उर्फ एंटोनी बताते हैं कि हमें हमेशा वोट बैंक के तरह इस्तेमाल किया गया है। अलग-अलग पार्टीयों के नेता हमसे चुनाव में बड़े-बड़े वादे करते हैं और हमारा मतदान समाप्त होने के बाद हमारी ओर कोई देखता भी नहीं है। वहीं रामजतन यादव के अनुसार यदि सरकार को हमारी कोई शुध नहीं है और हमारे लिए विकास संबंधी कोई कार्य नहीं है तो नेताओं को चाहिए कि वह हमसे वोट मांगने ना आएं। दूसरी और विपुन राम कहते हैं कि हमारा मतदान के बहिष्कार से संबंधित कोई मुद्दा नहीं है। हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र का विकास हो, लेकिन आज तक किसी भी नेता या जनप्रतिनिधि में हमारे क्षेत्र की तरफ ध्यान नहीं दिया है। जिसके चलते हमलोगों ने लाचार होकर मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है की प्रखंड क्षेत्र का रिमी पंचायत प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से कटा हुआ है। इस पंचायत में मूलभूत सुविधाओं का भी घोर आभाव है। बरसात के दिनों में हर दिन कोई ना कोई यहां के सड़क पर गिरता ही है कई बार बाइक सवारों को भीषण दुर्घटना का सामना भी करना पड़ा है। बिजली सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण पंचायत क्षेत्र के गांवों में लोग रिश्ते करने से भी कतराते हैं। ऐसे में अगर देखा जाए तो ग्रामीणों की मांग जायज लगती है। इस बाबत बातचीत के क्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी विपिन कुमार भारती ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा मतदान के बहिष्कार करने संबंधित बातें ज्ञात हुई है। जो एक स्वच्छ लोकतंत्र की परंपरा के लिए अच्छी निशानी नहीं है। ग्रामीणों को समझा कर मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही हमारा प्रयास रहेगा कि संपूर्ण प्रखंड क्षेत्र में अच्छा और साफ सुथरा मतदान हो। मौके पर मुंतज़िर मियां, जितेन्द्र कुमार सिंह, केवल भुइंया और बीरबल कुमार समेत सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।