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ट्रांसपोर्टर ने जंगल उजाड़ कर बनाया सड़क, अब वन विभाग कर रहा पौधारोपण

महेन्द्र कुमार

चतरा: आम्रपाली कोल परियोजना के एक ट्रांसपोर्टर आरकेटीसी ने बगैर किसी अनुमति के लगभग तीन किलोमीटर जंगल उजाड़ कर सड़क बना दिया। ट्रांसपोर्टर ने सड़क निर्माण के क्रम में सैकड़ों वृक्ष वनस्पतियों को बर्बाद कर दिया। यह सड़क कुमरांग खुर्द से मासीलांग जाती है। ट्रांसपोर्टर की इस करतूत से वन विभाग को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्रामीणों का कहना है कि जंगल के इस विध्वंस को देखते हुए जबरदस्त हंगामा किया गया। किंतु वन विभाग मौन रही। गौरतलब है कि आम्रपाली कोल माइंस और शिवपुर रेलवे साइडिंग के बीच सड़क की बड़ी समस्या है। माइंस और साइडिंग का निर्धारण करते वक्त पहुंच पथ का ध्यान नहीं रखा गया था। यही कारण है कि ट्रांसपोर्टर कभी ग्रामीणों के रैयती जमीन से तो कभी वन भूमि से कोयले की ढुलाई करते हैं, जो अक्सर विवाद को जन्म देती है। बहरहाल ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर सरकार प्रत्येक वर्ष पौधारोपण का अभियान चलाती है। जंगलों को बचाने के नारे बुलंद करती है। वहीं दूसरी और चंद पैसों की लालच में ट्रांसपोर्टर जंगल उजाड़ रहे हैं और हैरत की बात है कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब जब वन विभाग की जबरदस्त फजीहत हुई है, तब इस मामले की लीपापोती करने के लिए वहां पर पौधारोपण करने और वन महोत्सव मनाने की तैयारी कर रही है।

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