पाकिस्तान ने 11 नवंबर को चीन, रूस और अमेरिका के साथ अफगानिस्तान को लेकर एक बैठक की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने चेतावनी देते हुए बताया है कि अफगानिस्तान आर्थिक पतन के कगार पर है।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ट्रोइका प्लस की यह पहली बैठक थी। कुरैशी ने कहा है कि अफगानिस्तान के साथ जुड़ाव जारी रहना चाहिए और इसे बढ़ाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि कोई भी दोबारा गृहयुद्ध नहीं देखना चाहता है। सभी अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी तत्वों से प्रभावी ढंग से निपटना चाहते हैं। हम सभी एक नए शरणार्थी संकट को रोकना चाहते हैं।
मानवाधिकार संगठन अफगानिस्तान में जारी गंभीर मानवीय संकट पर लगातार मदद की अपील कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सरकारों द्वारा बैंकिंग सिस्टम पर लगाए गए अधिकांश सहायता और बैन के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। पाकिस्तान ने अमेरिका सहित अन्य सभी देशों से अफगानिस्तान के विकास में सहायता करने की अपील की है ताकि पतन को रोका जा सके।
पाकिस्तान ने चीन के साथ अपनी बुनियादी ढांचा परियोजना चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) में अफगानिस्तान के शामिल होने के विचार पर भी चर्चा की है। बता दें कि CPEC चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के बैनर तले आता है।
अफगनिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ट्रेड आदि पर बातचीत करने के लिए तीन दिन के दौरे पर इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। हाल ही में भारत ने भी अफगानिस्तान मसले को लेकर कई देशों के साथ बैठक की थी जिसमें शामिल होने से पाकिस्तान ने मना कर दिया था।