झारखंड के सरकारी स्कूलों की विद्यालय प्रबंध समिति का वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। स्कूलों में जहां हर महीने 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक होगी, वहीं हर तीन महीने पर पैरेंट्स-टीचर मीट का आयोजन किया जाएगा। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
स्पीकिंग पावर की होगी निगरानी
जेईपीसी की ओर से जारी वार्षिक कैलेंडर में हर महीने अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी। इसके विषय तय किए गए हैं। विद्यालय प्रबंधन समिति बच्चों को पढ़ाई की गुणवत्ता के साथ-साथ मिड डे-मील की गुणवत्ता पर भी जोर देगी। इसके अलावा पढ़ने-लिखने और बोलने के कौशल पर छह छात्रों के एक समूह की निगरानी की जाएगी। जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि विद्यालय प्रबंधन समिति की सक्रियता स्कूल के विकास की अहम कड़ी होती है। ऐसे में समिति की मासिक बैठक करनी आवश्यक है। बैठक में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। अगली बैठक में पिछली बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन कराना चुनौती होगी।
हर माह इन विषय पर होगी चर्चा
● जनवरी : माध्यमिक विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा की तैयारी, स्कूल के बुनियादी ढांचे के लिए पंचायती राज प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। इसके अलावा पैंरेंट्स-टीचर मीट में इसमें बच्चों की उपस्थिति पर चर्चा होगी और शत प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों व अभिभावकों को मान्यता दी जाएगी। फर्स्ट टर्म में बच्चों की प्रगति पर अभिभावकों का सहयोग।
● फरवरी : विद्यालय सुरक्षा पर चर्चा, पांचवीं, आठवीं और 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए दूसरा स्कूल की व्यवस्था।
● मार्च : शिक्षकों के साथ सीखने के परिणाम, शिक्षण में चुनौतियां, माता पिता से सहायता की आवश्यकता पर चर्चा होगी। सेकेंड टर्म में बच्चों की प्रगति पर चर्चा होगी।
● अप्रैल : बैक टू स्कूल अभियान में छात्रों का नामांकन और उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। पांचवीं, छठी, आठवीं, नौवीं, 10वीं व 11वीं में छात्रों की ट्रांजिशन मैपिंग करेंगे।
● मई : बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति, स्वच्छ विद्या स्कूल आधारभूत सुविधाओं का ऑडिट-दीवार लेखन, शौचालय मरम्मत, ब्लैक बोर्ड और खेल का मैदान पर चर्चा करेंगे। विद्यालय प्रबंधन समिति की अध्यक्षता में पैरेंट्स-टीचर मीट का आयोजन होगा। बच्चों के सीखने के स्तर पर उपस्थिति पर चर्चा होगी। शिक्षा कार्य में माता-पिता का सहयोग लिया जाएगा।
● जून : शिक्षकों के साथ चर्चा होगी। इसमें सीखने का परिणाम, शिक्षण में चुनौतियां, माता-पिता से सहायता की आवश्यकता और आम सभा की बैठक होगी।
● जुलाई : नामांकित बच्चों के ठहराव और छात्र अधिकारों पर चर्चा।
● अगस्त : सीखने की रणनीति पर शिक्षकों के साथ चर्चा व विद्यालय विकास योजना पर मंथन होगा। पैंरेंट्स टीचर मीट भी होगा। इसमें बच्चों की उपस्थिति, शत प्रतिशत उपस्थिति वाले बच्चों व अभिभावकों को मान्यता देना, छात्रों के साथ सीखना व चुनौतियां शिक्षा में माता-पिता का सहयोग लिया जाएगा।
● सितंबर : स्कूल विशेष शिकायतों पर बीईईओ व डीईओ के साथ बैठक होगी।
● अक्तूबर : बच्चों के सीखने के परिणाम, शिक्षण में चुनौतियां और माता-पिता के सहयोग की आवश्यकता पर शिक्षकों के साथ चर्चा होगी।
● नवंबर : बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सुविधा, नामांकन व पात्रता पर चर्चा होगी। वहीं, पैरेंट्स-टीचर मीट में वार्षिक खेल दिवस, सीखने की पद्धति को माता-पिता को दिखाना और इस पर चर्चा होगी।
● दिसंबर : स्मार्ट क्लास, डेमो क्लास, छात्र प्रतिक्रिया, शिक्षक प्रतिक्रिया और पाठ्यचर्चा की प्रगति पर चर्चा होगी।