प्रखंड क्षेत्र के लावालौंग पंचायत स्थित पारामातु गाँव में धूमधाम से रैदास जयंती मनाया गया। रविवार को रैदास जी की प्रतिमा के साथ हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना के बाद सोमवार को शोभा यात्रा के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। मौके पर लावालौंग पंचायत के मुखिया नेमन भारती नें भी उपस्थित होकर पुष्प अर्पन किया और लोगों को बधाईयां दी। अपने संबोधन में मुखिया नें कहा कि सच्चे मार्ग पर चलने के लिए रैदास जी के द्वारा अनेक मार्ग प्रदर्शित किए गए हैं। हमें भी उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग एवं उनके आदर्शों पर चलकर समाज में सुख शांति कायम करने में अपनी अहम भूमिका निभाना चाहिए। मौके पर प्रकाश रविदास नें कहा कि आज हम संत रैदास जी के 647 वां जयंती मना रहे हैं। आज के दिन ही संत रैदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोवर्धन पुर गांव में हुआ था। उनका सामाजिक कुरीतियों एवं अंधविश्वास को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा वे दार्शनिक और महान संत थे। संत रैदास के अनुसार ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार परहित भावना तथा सदाबहार का पालन करना आवश्यक है। अभिमान त्याग कर दुसरों के साथ समानता का व्यवहार करने और विनम्रता तथा शिष्टता के गुणों का विकास करने पर उन्होंने बल दिया।सन् 1483 में उन्होंने वाराणसी में अपना शरीर त्याग दिया। मौके पर विजय राम, अशोक राम, रघु राम, लालू राम, विष्णु रविदास, प्रकाश रविदास, देवेन्द्र रविदास, धर्मदेव रविदास, अमेरिका रविदास, प्रदीप रविदास, संतोष रविदास, जगु रविदास, इन्द्रदेव रविदास, बंधनी देवी, प्रतिमा देवी, निशा रानी, गीता देवी, उषा देवी, कविता देवी, सुनैना देवी समेत अन्य लोगों नें अहम भूमिका निभाई।