लावालौंग प्रतिनिधि
प्रखंड क्षेत्र के महाराजगंज गांव की एक 25 वर्षीय युवती ने लावालौंग थाना में शादी का झांसा देकर यौन शोषण करने का मामला दर्ज कराया है। जिसमें युवती नें लिखित आवेदन में बताया है कि सदर थाना क्षेत्र के बधार गांव निवासी हुलास साहू का पुत्र दिलीप साहू के यौन शोषण के कारण वह आठ महीने से गर्भवती है। अब दिलीप शादी से इनकार करके जान से मारने की धमकी दे रहा है। आगे पीड़िता नें पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया है कि मैं कौशल प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्लेसमेंट के तहत बेंगलुरु के गोकुलदास गारमेंट्स नामक कंपनी में काम करती थी। जून 2023 में इंस्टाग्राम से मुझे दिलीप मैसेज करके नाम पता पूछा था। इसके बाद वह मुझसे जबरदस्ती बात करने पर उतारू हो गया। कुछ दिनों के बाद मैं भी उसके झांसे में फंसते चली गई। उसके बाद दिलीप लगातार मुझसे मिलने और मेरे साथ गलत करने की जिद करने लगा। परंतु शादी के पहले ऐसा नहीं करने के लिए मैं बोल दी। इसके बाद उसने मुझसे शादी करने का लगातार सपने दिखाने लगा। जब मैं अप्रैल 2024 में छुट्टी में घर आई और 1 मई 2024 को वापस बेंगलुरु जा रही थी तो दिलीप बगरा में ही मुझे कार में बैठाकर टंडवा के सुहानी होटल में ले गया। मैं पहले शादी करने की जिद करती रही। परंतु उसने कहा कि जल्द ही हम शादी करेंगे और फिर वह मेरा यौन शोषण किया और दूसरे दिन बालूमाथ लाकर छोड़ दिया। यहां से मैं सीधा बेंगलुरु चली गई। गर्भावस्था के कारण दूसरे महीने में मेरा तबीयत काफी बिगड़ गया। कंपनी के द्वारा चेकअप करवाने के बाद गर्भावस्था की पुष्टि हुई। जिसके बाद कंपनी के द्वारा मुझे रखने से इनकार कर दिया गया। जब मैं दिलीप को बताई तो उसने कहा कि एक-दो महीने वहीं रहो फिर आकर हम शादी कर लेंगे। उसके बाद मुझे वहीं रहने को बोलकर टालमटोल करते-करते पांच माह तक वह नहीं गया। फिर कंपनी के दबाव के बाद वह बेंगलुरु गया और किराए पर मकान लेकर वहां अपने साथ मुझे एक माह रखकर शादी करने की बजाय मेरा यौन शोषण ही करता रहा। फिर रांची आकर यहां मुझे दो सप्ताह रखा।इसके बाद टंडवा थाना क्षेत्र के पचड़ा गांव में अपने फुआ के घर मुझे लेकर आया और यहां भी एक माह मुझे रखा। यहां से मेरा गर्भपात करवाने के लिए वह मुझे लेकर डोभी, हजारीबाग, सिमरिया, बड़कागांव और डाड़ी तक गया। परंतु समय ज्यादा होने के कारण डॉक्टरों ने मना कर दिया। इसके बाद वह वापस मुझे लेकर बेंगलुरु में छोड़कर भाग गया। दस दिनों तक बहुत कहने पूछने के बाद उसने मुझे जबड़ा आने को कहा जहां एक झोलाछाप डॉक्टर को साथ लेकर कुछ अनहोनी करने का पूरा तैयारी करके आया था। परंतु मैं डर कर अपने मामा को बुलाकर दिलीप के साथ जाने से इनकार करके मां के साथ उनके घर चली गई। फिर अपने घर जाकर परिजनों को बताई। इसके बाद दिलीप से बात की तो उसने जान से मारने की धमकी देकर अपना मोबाइल नंबर को बंद करके रखा है। पीड़िता नें प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि मैं दस दिनों पूर्व लावालौंग थाना में और चतरा कोर्ट में मामला भी दर्ज कराई थी। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किया गया। अगर मुझे न्याय नहीं मिलता है तो बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे के सहित दिलीप के दरवाजे पर आमरण अनशन पर रहूंगी। इधर थाना प्रभारी रुपेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि दिलीप के ऊपर एफआईआर दर्ज किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। आरोपी दिलीप से संपर्क करने की कोशिश कि गई लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका।