चतरा। संवाददाता
एक तरफ जहां गरीबों के बीच पेट भरने के लिए अनाज के लाले पड़े हैं वहीं प्रखंड मुख्यालय स्थित एक जन वितरण प्रणाली के दुकान से सटे एक गरीब विधवा महिला के घर से 25 बोरियां एफसीआई का चावल बीडीओ नें बरामद किया है। सभी चावलों को एफसीआई के बोरे से पलट कर प्लास्टिक की बोरियों में रखा गया है। मामला यह है कि लावालौंग मुखिया नेमन भारती को गुप्त सूचना मिली थी कि रुबीना खातून के पीडीएस दुकान से सटे एक मकान में भारी मात्रा में एफसीआई का बोरा पलटी किया हुआ चावल रखा गया है। जिसमें से आधी चावल रात को ही पिकअप वैन से कहीं सप्लाय कर दिया गया है। आधा बचा चावल भी निकलने वाला है। सूचना पाते ही मुखिया उक्त मकान में पहुंचकर ताला खुलवाकर घर के अंदर तलाशी लिया तो 25 बोरियां चावल पाया गया।प्लास्टिक के बोरे में रखे चावलों के पास से ही चौकी के नीचे एफसीआई की 42 बोरियां भी बरामद की गई।घर की मालकिन से पूछे जाने पर उसने बताया कि गांव का ही मो शोएब जोर जबरदस्ती करके मेरे अनुपस्थिति में बच्चों के सामने चावल रख दिया।

जब मैं हटाने की बात कही तो टालमटोल करके बोला कि हटा देंगे।वहीं मो शोएब से पूछे जाने पर उसने बताया कि मैं बोरी पलटी किया हुआ चावल ही सिमरिया निवासी मो सलामत के पास से लाया हूं। जब एफसीआई की बोरी के बारे में शोएब से पूछा गया तो साफ-साफ पल्ला झाड़ लिया कि इन बोरियों के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है। तड़के बीच बचाव करते हुए डीलर रुबीना खातून का बेटा आफताब जो पीडीएस दुकान का संचालन करता है उसने कहा की एफसीआई की बोरियों को मैं रखा हूं।मुखिया नें कालाबाजारी को देखते हुए उक्त विषय की जानकारी बीडीओ अमित कुमार को दिया। सूचना पाकर बीडीओ नें पहुंचकर चावलों एवं एफसीआई की खाली बोरियों को भी जप्त कर लिया।

कालाबाजारी को बचा रहा सलामत
इधर शोएब के द्वारा सलामत को फोन करके बुलाया गया उसने चावल का फर्जी पेपर लेकर बीडीओ के सामने पेश किया और बताया कि एफसीआई की बोरी समेत ही मैं शोएब को चावल दिया हूँ। इस पर पुनः शोएब को जब बीडीओ नें पूछा कि उस समय कैसे बोला की प्लास्टिक की बोरी में ही चावल मिला है। इस पर शोएब नें यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उस समय मुंह से निकल गया था। अब जब्ती के समय सैकड़ो ग्रामीणों व मुखिया,वार्ड सदस्य के सामने शोएब कुछ और बोला और सलामत के आने के बाद कुछ और। अब एफआईआर की सूचना पाकर सोएब का कहना है कि ये सारा चावल कालाबाजारी करने के लिए मो आफताब रखा था। मुझे कुछ झांसा दिया था जिसके कारण मैं बीच बचाव के लिए खड़ा हो गया। इससे कालाबाजारी ग्रामीणों के सामने खुली दर्पण के जैसा साफ है। अब देखना है कि कालाबाजारी करने वाले इन माफियाओं के ऊपर प्रतिनिधियों और प्रशासन के द्वारा क्या कार्रवाई किया जाता है।