मुख्य संवाददाता,रांची
कपा माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो के सचिव प्रशांत बोस, सेंट्रल कमेटी मेंबर शीला मरांडी समेत छह माओवादियों की गिरफ्तारी से माओवादी संगठन में जबरदस्त बौखलाहट है। माओवादियों के द्वारा पहले प्रतिरोध दिवस और अब लगातार 25 नवंबर तक बंद का आह्वान किया गया है। माओवादियों के ऐलान के बाद लातेहार, चाईबासा और खूंटी में वारदातें भी हुईं। लेकिन पुलिसिया एहतियात से वारदातों पर लगाम लगी है। राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, नक्सल प्रभाव वाले सभी जिलों में अभियान चलाया जा रहा है, ताकि माओवादी किसी वारदात को अंजाम नहीं दे सकें। वहीं, सीमावर्ती इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है।
कोयल शंख जोन से सर्वाधिक लेवी
राज्य पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद प्रशांत बोस को रिमांड पर लिया था। रिमांड पर हुई पूछताछ के दौरान यह बात सामने आयी है कि कोयल शंख जोन से माओवादियों को सर्वाधिक लेवी मिलती है।
कोयल शंख जोन में सरकारी विकास योजनाओं, बीड़ी पत्ता कारोबार (हरा सोना), बालू खनन (सुनहरा सोना) और इस इलाके में आंशिक रूप से कोयला खनन (काला सोना) से लेवी की वसूली होती है।
कोयल शंख जोन के बाद मध्य जोन व अन्य इलाकों से लेवी की राशि संगठन को आती है। प्रशांत बोस ने पुलिस को बताया है कि माओवादियों को मिलने वाली लेवी की राशि का बंटवारा संगठन के द्वारा मिलिट्री कमीशन, रीजनल कमेटी, जोनल कमेटी, एरिया कमेटी के बीच किया जाता है।
मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक
पुलिस व खुफिया एजेंसियों को जो सूचनाएं मिली हैं, उसके मुताबिक प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा की टीम ज्यादा आक्रामक है। मिसिर बेसरा की टीम प्रशांत बोस की गिरफ्तारी में शामिल पुलिसकर्मियों व खुफिया एजेंसियों के सदस्यों को चिन्हित करने में जुटी है।