लावालौंग। प्रतिनिधि
प्रखंड मुख्यालय स्थित लावालौंग मुख्य चौक पर प्रतिमा स्थापित करने को लेकर दो पक्षों के बीच आपसी सामंजस्य खराब होने की संभावना प्रबल हो गई है। ज्ञात हो कि लावालौंग चौक एवं मुख्यालय समेत कुछ अन्य गांवों के विभिन्न समुदायों के सैकड़ों लोगों ने बैठक के बाद मुख्य चौक पर भगवान बिरसा मुंडा का प्रतिमा लगाने के लिए गोलंबर चबूतरा का निर्माण करवाया है। वहीं एक अन्य गांव के दूसरे पक्ष के लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की होड़ लगाकर अंचलाधिकारी के कार्यालय पहुंच गए। यहां दोनों पक्षों के बीच आपसी संबंध खराब होते देख अंचलाधिकारी अमित कुमार ने आदेश देते हुए कहा कि जबतक मुख्यालय के लोगों के साथ वृहद बैठक करके प्रतिमा स्थापित करने से संबंधित आपसी सहमति नहीं बनती है, तब तक मुख्य चौक पर किसी की भी प्रतिमा लगाने या इससे संबंधित निर्माण कार्य नहीं किया जाएगा। साथ ही अगर कोई भी पक्ष जबरन समाज में अशांति और उन्माद फैलाने का कार्य करेगा तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर मुख्यालय के विवेक एवं अन्य लोगों को निजी तौर पर बाबा साहब अंबेडकर का विरोधी बताकर मानसिक प्रताड़ना करने का कार्य दूसरे पक्ष के द्वारा किया जा रहा है। इस बाबत विवेक एवं अन्य लोगों का कहना है कि हम उनकी इस ओछी मानसिकता से स्वयं को बेहद आहत महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब जैसे महान हस्ती के आड़ में किसी की भावना को आहत करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस मानसिकता से केवल सामाजिक उन्माद को बढ़ावा मिल सकता है। वहीं कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि राष्ट्रीय बौद्धिस्ट सोसायटी के द्वारा चंद लोगों को बंद कमरे में बैठा कर उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे धर्मांतरण करवा कर सामाजिक उन्माद फैलाया जा सके। ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी से इस उन्माद को रोककर शांति व्यवस्था कायम रखने की गुहार लगाई है।