लातेहार जिले के बारीयातु से अपने नाना के घर माता पिता एवं अपने छोटे भाई के साथ वाइक से प्रतापपुर आ रहा था मृतक।
चतरा : प्रतापपुर जोरी मुख्य पथ स्थित कठौन नदी में बुधवार देर शाम तेज धार में एक दो वर्षीय मासुम बच्चे के बह जाने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। अंधेरा हो जाने के कारण बच्चे का शव कल नहीं मिल सका था। गुरुवार को बच्चे का शव परिजनों एवं ग्रामीणों ने सरदम नदी के रक्सी पुल के पास से बरामद किया गया। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल चतरा भेज दिया गया है। मृतक के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतापपुर स्थित कसमार निवासी अशोक कुमार गुप्ता के दामाद प्रदीप कुमार गुप्ता, बेटी सोनी कुमारी, दो वर्षिय नाती सूर्यांश कुमार एवं एक छ: माह का छोटा भाई बाइक पर सवार होकर प्रतापपुर रक्षाबंधन के लिए आ रहें थे। इसी बीच कठौन नदी में आए बाड़ के बीच प्रदीप नदी पार करने लगे। इसी क्रम में बाइक अनियंत्रित हो गया और सभी लोग नदी के तेज धार में गिर गए। जिसके बाद नदी की तेज धार में दो वर्ष का पुत्र सूर्यांश एवं छोटा भाई बहने लगा। ग्रामीणों के सहयोग से माता पिता एवं छोटे बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। लेकिन सूर्यांश पानी में बह गया। ग्रामीणों एवं प्रखंड प्रशासन की ओर से काफी खोजबीन किया। परंतु शाम और अंधेरा हो जाने के कारण सूर्यांश का कही पता नहीं चला। गुरुवार को पुनः उसे खोजने निकले लोगों ने सरदम नदी के किनारे रक्सी पुल के पास से सूर्यांश का शव बरामद किया गया। इस घटना से बारियातु से लेकर प्रतापपुर में शोक की लहर है।
रोते बिलखते परिजन
सरकार और जिला प्रशासन के उदासिन रवैए के कारण यह घटना घटित हुई है।
2018 में भारी बारिश होने के कारण कठौन नदी पर बना पुल बह गया था। इस पुल को बह जाने से प्रतापपुर प्रखंड का संपर्क जिले से पुरी तरह कट गया था। जिसके बाद डायवर्सन बनाने के लिए 35 लाख रुपए का प्राकल्न तैयार हुआ। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी डायवर्सन नहीं बना । कई बार लोगों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ा। कई बार दुर्घटनाएं हुई। तब जाकर आधा अधुरा डायवर्सन का काम हुआ। इधर सरकार के मंत्री, सांसद जिला के आला अधिकारियों का आना जाना लगा रहा परंतु पुल निर्माण को लेकर किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाया। पुल निर्माण में देरी को लेकर भी प्रतापपुर प्रखंड वासियों में काफी आक्रोश देखा गया। अगर सम्वेदक और प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्परता दिखाया होता तो शायद सूर्यान्श की जान नहीं जाती