कोरोना का टीका ना लेने वाले झारखंड (Jharkhand) में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में उम्मीदवारी से वंचित किए जा सकते हैं. मतदान (Voting) के लिए भी टीकाकरण को जरूरी शर्त बनाया जा सकता है. इसपर सरकार विचार कर रही है. राज्य में आगामी दिसंबर-जनवरी में पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत त्रिस्तरीय चुनाव कराए जाने के आसार हैं. राज्य में पंचायतों के कार्यकाल एक साल पहले ही खत्म हो चुके हैं. शेड्यूल के अनुसार ये चुनाव पिछले साल दिसंबर में ही कराए जाने चाहिए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की वजह से राज्य सरकार ने पंचायतों के कार्यकाल को 2 बार विस्तार दिया.
कोरेना के नियंत्रण को लेकर गंभीर है सरकार
अब, जबकि कोरोना को लेकर हालात काफी हद तक सामान्य हो चुके हैं, तब चुनाव कराए की सभी तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं. साथ में कोरोना पर नियंत्रण के उपायों को लेकर सरकार गंभीर है, इसी वजह से चुनाव में बतौर प्रत्याशी भागीदारी के लिए कोविड टीकाकरण को अनिवार्य किया जा सकता है.
टीका ना लेने वाले नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव
साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव ने हाल ही में कहा था कि कोरोना का टीका ना लेने वाले लोगों को पंचायत चुनाव लड़ने से वंचित करने की तैयारी की जा रही है. ऐसे लोगों को कई अन्य तरह के सरकारी लाभ से भी वंचित किया जा सकता है. चुनाव में मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए जाने वाले लोगों के टीकाकरण प्रमाण पत्र की जांच भी सख्ती से की जाएगी.
लक्ष्य पूरा करने का दिया भरोसा
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण अभियान की समीक्षा के दौरान झारखंड के उन 9 जिलों के उपायुक्तों के साथ भी रू-ब-रू हुए थे, जहां 50 प्रतिशत से कम टीकाकरण हुआ है. इस दौरान झारखंड सरकार की ओर से उपस्थित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने नवंबर के अंत तक 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को टीके का पहला डोज और 60 प्रतिशत लोगों को दूसरा डोज देने का लक्ष्य पूरा करने का भरोसा प्रधानमंत्री को दिया था.
50 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले जिले
झारखंड के 50 प्रतिशत से भी कम टीकाकरण वाले 9 जिले हैं. इनमें पाकुड़ में 37.1, साहिबगंज में 39.2, गढ़वा में 42.7, देवघर में 44.7, पश्चिम सिंहभूम में 47.8, गिरिडीह में 48.1, लातेहार में 48.3, गोड्डा में 48.3 और गोड्डा में 49.9 प्रतिशत आबादी को ही टीके का पहला डोज लग पाया है.