झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को बाल कल्याण कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और जुबिनाइल जस्टिस (जेजे) बोर्ड के रिक्त पदों को भरने का अंतिम मौका दिया है। अदालत ने कहा है कि यदि सरकार तय तिथि तक रिक्त पद नहीं भरेगी तो यह बताना होगा कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है। कोर्ट ने कहा है कि जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बचपन बचाओ आंदोलन और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि हाईकोर्ट ने आठ नवंबर को सदस्यों के कार्यकाल का विस्तार दिया था। इस बीच सरकार को रिक्त पदों पर नियुक्ति का निर्देश दिया गया था, लेकिन तय समय सीमा में सरकार ने नियुक्त नहीं की और दोनों डिफंक्ट हो गए हैं। सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रथम चरण में 15 दिसंबर और दूसरे चरण में 28 जनवरी तक रिक्त पदों को भर लिया जाएगा। सरकार ने इस बीच सदस्यों का अवधि विस्तार देने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।
सीडब्ल्यूसी और जुबिनाइल जस्टिस बोर्ड के डिफंक्ट होने से काफी कठिनाई हो रही है। भूले भटके बच्चों के राहत और पुनर्वास के लिए समय और सही निर्णय देने वाला कोई नही है। इससे उन बच्चों पोषण, पठन पाठन या उनके उचित पुनर्वास में दिक्कत आ रही है। बचपन बचाव आन्दोलन की ओर से बार बार इस विषय को उठाया गया लेकिन, सरकार ने ध्यान नही दिया। मजबूरन इसे कोर्ट में याचिका दाखिल करना पड़ा।