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November 15, 2024 3:35 am

सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को भी चुनाव आयोग का नोटिस

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद अब उनके छोटे भाई तथा दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन को भारत निर्वाचन आयोग ने नोटिस भेजा है। आयोग ने यह नोटिस अपने विशेष प्रतिनिधि के माध्यम से बोकारो स्थित बसंत सोरेन के आवास पर भेजा है। उनसे 10 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है। 

जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर बसंत सोरेन से पूछा है कि खनन कंपनी में पार्टनर होने के कारण लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के तहत उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए? आयोग ने भाजपा प्रदेश कार्यालय और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को भी नोटिस भेजकर जानकारी मांगी है। 

बसंत सोरेन 2020 में दुमका उप चुनाव में झामुमो के सिंबल पर चुने गए हैं। भाजपा ने आरोप लगाये थे कि बसंत सोरेन चंद्र स्टोन वर्क्स में पार्टनर हैं।  साथ ही ग्रैंड माइनिंग कंपनी में भी वह बतौर साझेदार हैं। इस कंपनी पर सरकार का आठ करोड़ बकाया है। इस बाबत भाजपा ने राज्यपाल से बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत की। साथ ही निर्वाचन आयोग से परामर्श लेकर अयोग्य ठहराने की कार्यवाही अमल में लाने का आग्रह किया। राज्यपाल की ओर से परामर्श मांगने पर निर्वाचन आयोग ने बसंत सोरेन को भी नोटिस भेज कर पक्ष रखने को कहा है।

भाजपा ने राज्यपाल के समक्ष विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत अयोग्यता की मांग से संबंधित याचिका फरवरी में सौंपी थी। खनन लीज में साझेदारी को भाजपा ने संविधान के अनुच्छेद 191(ई), (जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 (ए) के तहत अयोग्य) के तहत बताया। इस आधार पर बसंत सोरेन को अयोग्य करार दिये जाने की कार्रवाई के लिये भारत निर्वाचन आयोग से परामर्श लेने का आग्रह भी राज्यपाल से किया।  

मेरे सभी कारोबार का जिक्र शपथपत्र में है : बसंत
दुमका। दुमका से झामुमो विधायक बसंत सोरेन बताया कि उन्हें चुनाव आयोग से नोटिस मिला है। वह इसका बिंदुवार जवाब निर्वाचन आयोग को भेज रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विधायक बनने के बाद उनका कोई नया कारोबार शुरू नहीं हुआ है। पहले से जो भी बिजनेस खुद का या पार्टनरशिप में था, उन सभी का उल्लेख उन्होंने चुनाव के समय अपने शपथपत्र में कर दिया है।

भाजपा आयोग में अलग से नहीं देगी जवाब
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश गुरुवार शाम रांची लौट आए। सीएम को खनन लीज मामले में नोटिस को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दो दिनों तक दिल्ली में वरीय नेताओं व कानूनविदों से विमर्श किया। खनन लीज से जुड़े मामलों में भाजपा की ओर से और अधिक जानकारी आयोग को देने के लिए हलफनामा दायर करने की चर्चा थी। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक आयोग को कोई जवाब या हलफनामा पार्टी की ओर से नहीं दिया गया है। आगे भी इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया जाएगा। शिकायतकर्ता होने के कारण प्रदेश भाजपा को आयोग ने सिर्फ नोटिस मिलने की सूचना प्रेषित की थी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को नोटिस मिलने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तीन मई को दिल्ली रवाना हुए थे। दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधि विशेषज्ञों से राय मशविरा कर लौट आए। 

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