विकास के भारी भरकम दावों के बीच झारखंड के खुंटी से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। सड़क और पुल नही होने की वजह से प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को कई किलोमीटर जाने के बाद एंबुलेंस नसीब हुआ। हद तो तब हो गयी जब नदी में पुल नहीं होने के कारण प्रसव पीड़ा से कराह रही उस महिला को गांव के युवकों ने कुर्सी में ढोकर नदी पार कराया। गांव में जाने के लिए सड़क नहीं होने से एंबुलेंस ढाई किलोमीटर पहले खड़ी थी। वहां तक गर्भवती महिला को ढोकर पहुंचाना पड़ा।
उसके बाद एंबुलेंस से तोरपा रेफरल अस्पताल लाया गया। यह मामला तोरपा प्रखंड की फटका पंचायत का है। इस पंचायत के फडिंगा गांव के सनिका बोदरा की पत्नी जीदों मुंडू को शुक्रवार को तीन बजे भोर में प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उजाला होने का इंतजार करते रहे। सुबह में 108 एंबुलेंस को फोन कर बुलाया गया। गांव तक जाने के लिए सड़क और नदी पर पुल नहीं होने से चालक विजय यादव ने एंबुलेंस ढाई किलोमीटर पहले ही रोक दी। इधर जैसे जैसे समय बीत रहा था महिला की प्रसव पीड़ा तेज होती जा रही थी।
युवकों ने एक कुर्सी को बनाया डोली
महिला की पीड़ा को देखते हुए गांव के युवकों ने एक कुर्सी को डोली बनाया। उसमें गर्भवती को बैठाकर तीन युवकों व एक महिला ने घुटने भर पानी में नदी पार कराया।
ढाई किमी ढोकर एंबुलेंस तक पहुंचाया
महिला को ढाई किमी ढोकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे के अंदर महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।