पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों को लेकर सीबीआई एक्टिव हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बंगाल चुनाव के बाद हुए रेप और मर्डर केसों की जानकारी राज्य के डीजीपी से मांगी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को ही सीबीआई और एसआईटी को बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि रेप और मर्डर के मामलों की जांच सीबीआई करेगी और उससे इतर अन्य मामलों की जांच एसआईटी करेगी। राज्य की टीएमसी सरकार शुरू से ही सीबीआई जांच का विरोध कर रही थी, लेकिन उसे दरकिनार करते हुए हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया है।
हालांकि अब ममता बनर्जी सरकार का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी। टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा था कि पार्टी की ओर से शीर्ष अदालत में इस निर्णय को चुनौती दी जा सकती है।
राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की घटनाओं की जांच सीबीआई और एसआईटी को सौंपा जाना ममता बनर्जी और उसकी सरकार के लिए झटके की तरह है। इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की 7 सदस्यों की टीम ने भी बंगाल में हिंसा की जांच की थी।
अब उच्च न्यायालय ने सीबीआई को चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान रेप और मर्डर के मामलों की जांच करने का आदेश दिया है। इसके अलावा एसआईटी को अन्य मामलों की जांच किए जाने की बात कही गई है। ममता बनर्जी सरकार की ओर से मानवाधिकार आयोग की जांच के अलावा सीबीआई और एसआईटी को भी जांच सौंपे जाने का विरोध किया था। हालांकि इसके बाद भी उच्च न्यायालय के आदेश के तहत एजेंसियों को जांच का काम सौंपा गया है।