लावालौंग। प्रतिनिधि
प्रखंड क्षेत्र में मोहर्रम का जुलूस गाजे-बाजे के साथ निकाला गया। हालांकि क्षेत्र में कोरोना आधारित सरकारी गाइडलाइन का पालन करने के कारण इस बार का जुलूस फीका रहा। ज्यादातर धर्मावलंबियों ने अपने घरों में ही मोहर्रम का त्यौहार मनाया। लावालौंग में मुहर्रम के त्यौहार का लगभग 100 साल पुराना इतिहास है। ज्ञात हो कि मुस्लिम धर्मावलंबियों में शिया समुदाय का यह बहुत बड़ा त्यौहार है। इसमें शिया समुदाय के लोग स्थानीय कर्बला में जाकर इमामे हसन और हुसैन की याद को ताजा करते हैं। साथ ही उनकी याद में कर्बला में फातिया भी पढ़ते हैं। इस बार मोहर्रम का त्यौहार मोजिब अंसारी के नेतृत्व में निकाला गया। जो लावालोंग मुख्य चौक होते हुए स्थानीय कर्बला पर जाकर समाप्त हो गया। मौके पर इल्फाज़ अंसारी, हसीब अंसारी, जफरुद्दीन अंसारी और मोहम्मद साजिद के साथ सैकड़ों लोग उपस्थित थे।