अफ़ग़ानिस्तान पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने के बाद तालिबान का पहला संवाददाता सम्मेलन मंगलवार को काबुल में आयोजित हुआ।
कैमरों के सामने पहली बार आए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, “20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आज़ाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है।” उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गौरव का पल बताया है।
शरिया के अनुसार होंगे महिलाओं के हक़
जबीहुल्लाह मुज़ाहिद कहते हैं, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी को नुक़सान नहीं होने देंगे।” तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कोई उलझन नहीं चाहते हैं। हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है। दूसरे देशों के अलग-अलग दृष्टिकोण, नियम और कानून हैं। हमारे मूल्यों के अनुसार, अफ़ग़ानों को अपने नियम और कानून तय करने का अधिकार है।” मुज़ाहिद ने कहा, “हम शरिया व्यवस्था के तहत महिलाओं के हक़ तय करने को प्रतिबद्ध हैं। महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।” तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुज़ाहिद ने महिला अधिकारों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, “हम महिलाओं को अपनी व्यवस्था के भीतर काम करने और पढ़ने की अनुमति देने जा रहे हैं। महिलाएं हमारे समाज और हमारे ढांचे के भीतर अब बहुत सक्रिय होने जा रही हैं।”

‘हमें कोई दुश्मन नहीं चाहिए’
तालिबान के प्रवक्ता ने इस मौके पर कहा, “हम यह तय करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रह गया है। हमने उन सभी को माफ़ कर दिया है, जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी। अब हमारी दुश्मनी ख़त्म हो गई है। जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं। अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते। उन्होंने कहा, “हमारी योजना काबुल के द्वार पर रुकने की थी, ताकि संक्रमण की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो जाए। लेकिन दुर्भाग्य से, पिछली सरकार बहुत अक्षम थी। उनके सुरक्षा बल सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ ख़ास न कर सके। ऐसे में हमें ही कुछ करना था।” मुजाहिद ने कहा, “काबुल के लोगों की सुरक्षा तय करने के लिए हमें काबुल में दाखिल होना पड़ा।”