माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को अनलॉक कर दिया है। इसके साथ ही ट्विटर ने ये भी बताया है कि लगातार छह दिनों तक अकाउंट अनलॉक रखने के साथ ही कांग्रेस के 5,000 अकाउंट लॉक करने के बाद आख़िर किस आधार पर अनलॉक करने का फ़ैसला किया गया है। ट्विटर लगातार अपनी प्रतिक्रिया में ये कह रहा था कि उसने अपने नियमों का पालन करते हुए ये कदम उठाए हैं। पिछले दिनों ट्विटर ने एक नाबालिग़ दलित बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार, हत्या और जबरन दाह संस्कार के बाद पीड़ित परिवार की तस्वीर पोस्ट करने पर राहुल गाँधी समेत कांग्रेस पार्टी से जुड़े कई ट्विटर अकाउंट्स को लॉक कर दिया था।
कांग्रेस ने कहा-सत्यमेव जयते
कांग्रेस पार्टी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया एक ट्वीट के माध्यम से दी है. इस ट्वीट में लिखा गया है – ‘सत्यमेव जयते’। कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज रोहन गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस के सभी अकाउंट्स को अनलॉक कर दिया गया है। गुप्ता ने ये बात न्यूज़ चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कही। हालांकि, अनलॉक करने की कोई वजह नहीं बताई गयी है।
ट्विटर ने बताई वजह
ट्विटर ने अपने इस फैसले के लिए ज़िम्मेदार वजह का ज़िक्र अपने बयान में किया है।
ट्विटर ने अपने बयान में कहा है, “अपील प्रक्रिया के तहत, राहुल गांधी ने हमारे इंडिया ग्रेवियांस चैनल (भारत में ट्विटर से शिकायत करने का मंच) के माध्यम से संबंधित तस्वीर उपयोग करने के लिए औपचारिक सहमति पत्र की एक प्रति दी है। ट्विटर ने कहा है कि इस आधार पर अकाउंट अनलॉक करने का फै़सला किया गया है। मगर साथ ही भारतीय क़ानून को ध्यान में रखते हुए ट्विटर ने संबंधित ट्वीट को भारत में देखे जाने से रोक दिया है।
राहुल ने क्या कहा था?
ट्विटर पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा था , “एक कंपनी अपने बिज़नेस के ज़रिये हमारी राजनीति को परिभाषित कर रही है, और एक राजनेता के बतौर मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा । उन्होंने कहा था, “मेरे ट्विटर को बंद कर वो हमारी राजनीतिक प्रक्रियाओं में दखल दे रहे हैं। ये देश के लोकताँत्रिक ढांचे पर एक हमला है। यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है। यह केवल मुझे ख़ामोश करने की बात नहीं है। ट्विटर पर मेरे 19-20 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं। आप उनके किसी विचार को जानने के अधिकार को नकार रहे हैं। राहुल ने ट्विटर पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा था, “हमारे लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। हमें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा। हमें लगा था ट्विटर एक आशा की किरण है। मगर अब ये साफ़ है कि ट्विटर एक निष्पक्ष मंच नहीं, ये एक पक्षपाती मंच है, जो उस वक़्त की सरकार की बात सुनती है। इसके साथ ही राहुल गांधी ने चेतावनी दी थी कि राजनीतिक संदर्भ में पक्षपात करने का ट्विटर पर असर होगा और ये निवेशकों के लिए ‘एक ख़तरनाक बात’ है।